(4) अस्पृश्यता का अंत (धारा 17) (5) जाति-सूचक उपनाम का अंत (धारा 18)
3.
17. अस्पृश्यता का अंत-“अस्पृश्यता” का अंत किया जाता है और उसका किसी भी रूप में आचरण निषिद्ध किया जाता है।
4.
17. अस्पृश्यता का अंत-'' अस्पृश्यता '' का अंत किया जाता है और उसका किसी भी रूप में आचरण निषिद्ध किया जाता है।
5.
भारत के संविधान के अनुच्छेद १७ में जिस बात का उल्लेख हुआ है, अस्पृश्यता का अंत किया जाता है और उसका किसी भी रूप में लागू करना अपराध है।
6.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 द्वारा अस्पृश्यता का अंत किया गया तथा अनुच्छेद 366, 341 व 342 में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को परिभाषित कर व्याख्या की गयी।
7.
अम्बेडकर द्वारा तैयार किया गया संविधान पाठ मे संवैधानिक गारंटी के साथ व्यक्तिगत नागरिकों को एक व्यापक श्रेणी की नागरिक स्वतंत्रताओं की सुरक्षा प्रदान की जिनमें, धार्मिक स्वतंत्रता, अस्पृश्यता का अंत और सभी प्रकार के भेदभावों को गैर कानूनी करार दिया गया।
8.
अम्बेडकर द्वारा तैयार किया गया संविधान पाठ मे संवैधानिक गारंटी के साथ व्यक्तिगत नागरिकों को एक व्यापक श्रेणी की नागरिक स्वतंत्रताओं की सुरक्षा प्रदान की जिनमें, धार्मिक स्वतंत्रता, अस्पृश्यता का अंत और सभी प्रकार के भेदभावों को गैर कानूनी करार दिया गया।
9.
१९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद गांधी जी ने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण, आत्म-निर्भरता के लिए अस्पृश्यता का अंत आदि के लिए बहुत से आंदोलन चलाएं।
10.
१९२१ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बागडोर संभालने के बाद गांधी जी ने देशभर में गरीबी से राहत दिलाने, महिलाओं के अधिकारों का विस्तार, धार्मिक एवं जातीय एकता का निर्माण, आत्म-निर्भरता के लिए अस्पृश्यता का अंत आदि के लिए बहुत से आंदोलन चलाएं।